भूत जोलोकिया मिर्च ( Bhut Jolokia ) |
खाने की रंगत और तीखापन बिना मिर्च के पूरा हो ही नहीं सकता जब तक सब्जी में मिर्ची वाली लाल रंगत नहीं दिखती तब तक स्वाद फीका रहता है मिर्च से यह लाल रंग और स्वाद का असली जायका आता है क्या आप सबसे तीखी मिर्च का नाम जानते हैं ? लोग अक्सर मानते हैं कि 'कश्मीरी मिर्च' ही सबसे तीखी होती है लेकिन ये गलत है इस मिर्च का यह नाम नागा क्षेत्र की पहाड़ी एव जँगलो मे पाए जाने वाले काल्पनिक भूत के नाम पर रखा गया है इसे भूत मिर्च, यू-मोरोक, लाल नागा, नागा ,भूत जोलोकिया, बिह ज़ोलोकिया ,तेजपुर मिर्च के रूप में भी जाना जाता है इस मिर्च को ' राजा मिर्च ' भी कहते हैं असम के कुछ हिस्सों में, इस मिर्च को नोगा ज़ोलोकिया कहा जाता है जिसका नाम नागालैंड के मैदानों और पहाड़ियों में रहने वाले क्रूर नागा योद्धाओं के नाम पर रखा गया है इस मिर्च का पाउडर इतना तीखा होता है कि चुटकीभर डालने से ही सब्जी एकदम तीखी और चटपटी हो सकती है यह मिर्च साधारण मिर्च की तुलना में 400 गुना ज़्यादा तीखी है आमतौर पर ये मिर्ची नॉर्थ इंडिया में देखने को नहीं मिलती। ये आपको नॉर्थ ईस्ट में देखने को मिलेगी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड,असम के पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों में और बंगला देश के कुछ हिस्सों में इस मिर्च की खेती की जाती है 2007 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने यह प्रमाणित किया कि 'भूत जोलोकिया मिर्च 'दुनिया की सबसे तीखी मिर्च मिर्च है लेकिन अमेरिका की 'कैरोलाइना रीपर' ने इसे काफी पीछे छोड़ दिया है और अब गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया है मिर्च की तीखी ज्वलनशीलता मापने का मानक स्कोविल्ले हीट स्केल है भूत जोलोकिया में 10 लाख एसएचयू से ज्यादा तीखापन है इस मिर्च को पकड़ने से भी हाथ में जलन होने लगती है इसीलिए इसे चिमटे से पकड़ना पड़ता है इस मिर्च के टुकड़े को जीभ पर रखना मतलब पानी पानी करना है कई लोगो ने इसे खाने की चुनौती स्वीकार की लेकिन इसके खाने के बाद उनकी हालत बेहद खराब हो गयी। इसे खाने वाले लोगो ने कहा की 'वो अब मर ही जाएँगे ' इस मिर्ची में पाए जाना वाला 'ओलियोरेसिन' तत्व इसका स्वाद तीखा करता है
भूत जोलोकिया मिर्च के फायदे और नुकसान
भूत जोलोकिया को भोजन और मसाले के रूप में मुख्यता प्रयोग किया जाता है जंगली हाथियों को घरो और फसलों से दूर रखने के लिए इस मिर्च से बने घरेलू बमो का इस्तेमाल किया जाता है इसकी तीखी गंध से हाथी भाग जाते है 2009 में भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( डीआरडीओ ) के वैज्ञानिकों ने सेना के हथियारों में इस मिर्च का उपयोग करने की घोषणा की आतंकवादियों को गुफाओं से बाहर निकालने और दंगाइयों को नियंत्रित करने के लिए अश्रु गैस की जगह इस भूत जोलोकिया मिर्ची से बने बम्ब ( पावा शेल्स ) और स्प्रे को विकसित करने की योजना बनाई गई ये दुश्मन के शरीर पर बड़े बड़े घाव कर देती है जिससे उसे तेज़ जलन होती है। यह मिर्च इतनी ज़्यादा तीखी है की कोई इसे ज़रा सा भी चख ले तो अजीबो ग़रीब हरकत करने लगता है। ये लाल ,हरे ,पर्पल ,ब्राउन ,सफ़ेद ,पीली ,नारंगी ,और काले रंगो में मुख्यता पाई जाती है
नॉर्थ ईस्ट में इस मिर्ची को एक दवाई के रूप में काम में लिया जाता है। ये पेट दर्द से राहत दिलाने के लिए बहुत अच्छी दवाई साबित होती है। इस मिर्च से बने पाउडर से पेट की कई बीमारियो का इलाज भी करते है वहीं गर्मी को दूर करने में भी ये बहुत फायदेमंद है। इस मिर्ची से मेडिसिनल फायदे भी मिलते है। दरहसल इस मिर्च में मौजूद एक प्रमुख घातक कैप्साइसिन, आपके स्वास्थ्य को कई फायदे देता है। इस मिर्च से सबसे बड़ी आशा यह लगी हुई है की शायद इससे कैंसर का इलाज ढूंढ पाए। कैप्साइसिन के चिकित्सीय शोध से यह बात सामने आई है की यह प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओ और फेफड़ों के कैंसर की कोशिकाओ को मार सकती है साथ ही यह ल्यूकेमिया सेल्स के विकास को भी रोकती है। यहा तक की इसके अलावा कैप्साइसिन गठिया में होने वाले दर्द, रक्तचाप, मांसपेशियों में दर्द और तनाव, मोच लगना, पाचन से संबंधित समस्याए आदि में फायदेमंद है अगर आप अपने जीवन में एक बार इस मिर्च का स्वाद लेना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए आसाम या नॉर्थ ईस्ट के किसी अन्य शहर में जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि ये मिर्च आपको अमेजॉन की साइट पर मिल जाएगी। आप इसे ऑनलाइन ऑर्डर भी कर सकते हैं। दिल्ली में हर साल लगने वाले प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में नागालैंड ,असम के स्टॉल पर यह तीखी मिर्च मिल जाती है जिसे कई लोग सिर्फ शौक से खरीद ले जाते है इसके इस्तेमाल में सावधानी बेहद जरुरी है बच्चो से तो दूर ही रखने में ही भलाई है कुछ नर्सरियों में भूत जोलोकिया मिर्च के पौधे भी आसानी से उपलब्ध हो जाते है असम सरकार ने दुनिया की सबसे तीखी मिर्च भूत जलोकिया उगाने के लिए प्रोत्साहित करने को किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी बढ़ा दी है।
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